बस्तर में स्कूली शिक्षा को लेकर कई सवाल आते हैं उनमें एक महत्वपूर्ण सवाल है जो पालकों और अभिभावकों के जहन में आता है कि अपने बच्चे को किस स्कूल में दाखिला दिलवाएं कौन सा स्कूल बेहतर है । इसी बात के मद्देनजर मैने यह यह बताने का प्रयास किया है कि आपके बच्चें के लिए कौन सा बेहतर स्कूल होगा । अंत तक पढ़ि़ए जगदलपुर के 10 बड़े स्कूल के बारे में ।
अब कुछ बातों पर गौर करते हैं ।
अकेले जगदलपुर की बात कहें तो यहाँ 88 schools हैं जो नर्सरी से हाई स्कूल तक की शिक्षा देेते हैं । सभी निजी स्कूलों की एक ही विशेषता है जिन्हें वे अलग-अलग तरीकों से बताते रहें हैं। (2011 की जनगणना के मुताबिक 78 प्राईमरी, 43 मिडिल, 21 हाई स्कूल और 23 हायर सकेण्ड्री स्कूल हैं ) इनमें तमाम खूबियों को बिन्दुवार समेटें तो निम्नलिखित बातें ही स्पष्ट समझ आती हैं । सभी स्कूल अपनी खास विशेषताओं में इन बिन्दुओं को अपने अपने हिसाब से बताते हैं
- विशाल खेल का मैदान
- विज्ञान के अलग-अलग विषयों की प्रयोगशाला
- लायब्रेरी,कम्प्युटर शिक्षा कक्षा पहली से ही
- उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा अध्यापन
- पढ़ाई में पिछड़े बच्चों के लिए पृथक कक्षाएं
- स्मार्ट क्लास
- विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए कोचिंग की सुविधा।
- बच्चों को शिक्षकों द्वारा व्यक्तिगत ध्यान
- छात्र-छात्राओं के लिए हास्टल की सुविधा (अगर हास्टल है तो इसे भी स्कूल जोड़ते हैं । )
इसके बाद आर्ट,क्राफ्ट, संगीत,नृत्य, और अन्य जैसे जूडो, योग इत्यादि भी खूबियों में आती हैं । जस्ट डायल डॉट कॉम और दूसरे सोशल मिडिया में निजी स्कूलों की मौजूदगी के आधार पर जगदलपुर के दस बड़े स्कूल को रखा गया है ।
छत्तीसगढ़ बोर्ड के विषयों के प्रश्न उत्तर जानने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक कीजिए chhattisgarh notes
1. संस्कार द गुरूकुल
इस सीबीएसई (3330148) स्कूल की स्थापना 2005 में हुई । आदेश्वर अकादमी की तरह यह भी अपने इनोवेटिव प्रैक्टिस के लिए जाना जाता है। यहां कामर्स, विज्ञान और गणित की विषयों की 12 तक की कक्षाएं संचालित हैं। शिक्षा में यह लगातार नए सोपान तय करता आया है। छोटे बच्चों को खेल खेल में पढ़ाए जाने वाले विधा लर्न बाय फन (Learn By Fun ) काफी प्रसिद्ध है । दूर-दराज से इस विद्यालय में शिक्षा के लिए पालक अभिभावकों ने अपने बच्चों का यहाँ दखिला करवाया है। संस्कार द गुरूकुल की सबसे बड़ी खूबी- इसका सधा हुआ इन्फ्रास्ट्रक्चर है, जिसकी वजह से शासकीय-अशासकीय क्षेत्रों मे कार्यरत कर्मचारी और अधिकारियों के बच्चे यहाँ पढ़ते हैं।
संस्कार द गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल, एक सीबीएसई संबद्ध स्कूल है। ( सीबीएसई संबद्ध संख्या 3330148) चिदाईपदर, बस्तर में स्थित है। यह 2005 में स्थापित किया गया था और एसटीजीएस (संस्कार द गुरूकुल स्कूल )समाज द्वारा संचालित है। हमें आईएसओ 9001ः 2015 प्रमाणित होने पर गर्व है। इसके अलावा, जिन संस्थाओं ने Sanskar the Gurukul को मान्यता दी है वे हमारी उपलब्धियां है।
सीबीएसई केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड संबद्धता संख्या - 3330148
आईएसओ- खाद्य एवं सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली- 22000-2005
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार)
आईएसओ -9001:2015
ओएचएसएएस:18001: 2007
2.माउण्ट लिटेरा जी स्कूल
2018 के मध्य में इसकी स्थापना हुई थी । यह विदिप ट्रस्ट के अधीन है । और यह ट्रस्ट ज़ी लर्न लिमिटेड के अधीन K-12 योजनाअतंर्गत माउण्ट लिटेरा Zee Schools की श्रंखला में आता है । जगदलपुर के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि इतने बड़े बैनर का स्कूल बस्तर के जिला मुख्यालय में हैं । फिलहाल यहां मिडिल स्तर तक की कक्षाएं ही संचालित हैं । मगर अल्प समय में ही माउण्ट लिटेरा, जगदलपुर (Mount Litera Jagdalpur) ने अपनी अच्छी पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है। हाल ही में इस स्कूल ने सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त की है । जिसका नम्बर 3330488 है। खूबसूरत लोकेशन, बेमिसाल स्कूल-भवन, लाजवाब स्कूल-वातावरण के कारण यह अभिभावकों की पहली पसंद है।
3. आदेश्वर अकादमी ( कृष्णा विकास)
अब यह कृष्णा विकास के नाम से संचालित है । राईट्स हस्तातरण के बाद इसे कृष्णा विकास जगदलपुर के नाम से जाना जा रहा है। 2006 में इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया था। तब यह आदेश्वर एकादमी था, आज अपनी विशिष्ट शैक्षणिक गतिविधियों के लिए चर्चा का विषय है। यहां नर्सरी से 12 तक (गणित, विज्ञान और कामर्स ) तक की कक्षाएं संचालित होती हैं । यह विद्यालय अपने innovative teaching method के लिए जाना जाता है।
आदेश्वर की अन्य खूबियों के बारे में जानने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक कीजिए!
4. निर्मल विद्यालय
जगदलपुर के पुराने स्कूलों में इसका नाम है । इसकी स्थापना 1972 में हुई थी । हांलाकि इसकी शुरूआत स्टेट बोर्ड से हुई थी, कुछ समय इसने अपना पाठ्क्रम आईसी बोर्ड पर भी संचालित किया । वर्तमान में (Nirmal Vidyalaya) सीबीएसई (3330149) से संबद्ध है । जिसमें गणित,विज्ञान, और कामर्स के विषय से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं । इसे कैथलिक डायसिस ऑफ जगदलपुर सोसाईटी संचालित करती है । यह लालबाग में स्थित है। शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए इसकी अच्छी पहचान है। पालकों ने इस विद्यालय पर लम्बे समय से भरोसा जताया है ।
5. ज्ञानोदय हाई स्कूल
दीनबंधु समाज द्वारा संचालित इस स्कूल की स्थापना 2001 में हुई थी। यह आड़वाल में है। यहां 10 वीं तक कक्षाएं संचालित हैं। यह सीबीएसई (3330172) से संबद्ध है। 2013 में दसवीं बोर्ड के सभी विद्यार्थी ने distinction लेकर उत्तीर्ण हुए थे । तब से ज्ञानोदय ने अपनी अच्छी पहचान बना ली ।
6. विद्या ज्योति स्कूल
जगदलपुर के दंतेश्वरी वार्ड में यह स्कूल 2000 में एक छोटे से भवन से शुरू हुआ था । वर्तमान में Vidya Jyoti High School, सीबीएसई (3330075) स्कूल है और पढ़ाई लिखाई के अलावा अपनी स्कूल बैंड पार्टी के लिए जाना जाता है। इसे लेकर अनेक प्रशंसा भी पाई है।
। यह स्कूल 6.97 एकड़ में फैला हुआ है। सीबीएसई माध्यमों के स्कूलों में अपने किफायती फीस के कारण यह पालकों में अपनी जगह बना बनाने में जल्द ही कामयाब रहा । यह सीएमआई यानि कर्मलाईट ऑफ मैरी ईम्येक्यूलेट सोसाईटी के अतंर्गत निर्मल प्रोविंस के सीएमआई फादर्स की संस्था है । इन्हीं के प्रबंधन में यह स्कूल संचालित है। कम समय में इस स्कूल ने पालकों का भरोसा जीतने में कामयाब रहा है।
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7. दिल्ली पब्लिक स्कूल
यह
कालीपुर में स्थित है। वर्धमान एजुकेशन सोसाईटी इसे दिल्ली पब्लिक स्कूल
सोसाईटी के तत्वाधान में संचालित कर रही है। इसकी स्थापना जगदलपुर में 2012
में हुई थी । यह सीबीएसई से संबद्ध है। जिसका क्रमांक 3330192 है, यहाँ गणित विज्ञान और कामर्स के साथ नर्सरी से 12 तक की कक्षाएं है।
हास्टल की सुविधा नहीं है। आम लोगों के बीच उच्च शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए
दिल्ली पब्लिक स्कूल की अच्छी पहचान है।
8. बालबिहार विद्यालय
यह दूसरा हिन्दी माध्यम का एक पुराना विद्यालय है। इसे गुजराती समाज संचालित करता है। इसकी स्थापना 1977 में जगदलपुर में हुई थी । सीजी कोर्स यहां पर पढ़ाई जाती है। यह झंकार सिनेमा के पास स्थित है। यहां 12 तक की कक्षाएं संचालित होती हैं । बस्तर का शैक्षणिक इतिहास गवाह है बड़े ही किफायती फीस में वहां के छात्रों ने पढ़ाई कर स्कूल और शहर का नाम रौशन किया है। इसकी गिनती भी जगदलपुर के पुराने स्कूलों में होती है।
9. दिप्ती कान्वेंट
1992 में स्थापित हुआ इसमें बारहवीं तक की कामर्स, विज्ञान और गणित की कक्षाएं है। यह अघनपुर रोड पर स्थित है। यह अंग्रेजी माध्यम और हिन्दी माध्यम दोनों की कक्षाएं संचालित होती है। सीबीएसई (3330205) से संबद्ध इस स्कूल को अराधना सोसाईटी चलाती है।
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10. सरस्वती शिशुमंदिर
यह जगदलपुर के पुराने स्कूलों में से एक है। यहाँ सीजी बोर्ड की पढ़ाई होती है , यह वर्तमान में अघनपुर में स्थित है। संघपरिवार के विद्याभारती विद्यालयों को सरस्वती शिशु मंदिर कहते है। इस प्रकार के विद्यालयों की अंतराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल चुकी है। सीजी कोर्स के लिए यहां पर 12 तक की हिन्दी माध्यमों की कक्षाएं संचालित हैं। यह अपनी पढ़ाई की गुणवत्ता के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह अपनी संस्कृति और परम्परा के बारे में ज्ञान देने के लिए विख्यात है ।
यह जगदलपुर के पुराने स्कूलों में से एक है। यहाँ सीजी बोर्ड की पढ़ाई होती है , यह वर्तमान में अघनपुर में स्थित है। संघपरिवार के विद्याभारती विद्यालयों को सरस्वती शिशु मंदिर कहते है। इस प्रकार के विद्यालयों की अंतराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल चुकी है। सीजी कोर्स के लिए यहां पर 12 तक की हिन्दी माध्यमों की कक्षाएं संचालित हैं। यह अपनी पढ़ाई की गुणवत्ता के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह अपनी संस्कृति और परम्परा के बारे में ज्ञान देने के लिए विख्यात है ।
इन सभी 10 स्कूलों की खास बात यह है कि इनके पास लाजवाब इंफ्रस्ट्रक्चर और खूबसूरत भवन है जो यहाँ आने वालों को बहुत आकर्षित करता है। 2022 बारहवीं परीक्षा परिणाम में बारहवीं कक्षा की परीक्षा में जिले में पहला स्थान सरस्वती शिशु मंदिर
कंगोली की छात्रा प्रिया निषाद ने प्राप्त किया। उन्होंने 462 अंक प्राप्त
किया।
यह सच है आज जिन खूबियों को लेकर निजी स्कूल अपनी शाबासी बतातें हैं उन खूबियों में अगर खेलकूद की बात कही जाए तो माता रूकमणी सेवा संस्थान
हर साल हासिल करती है। यहां एक और बात का उल्लेख करना जरूरी हो जाता है कि
जब से छत्तीसगढ़ सरकार की स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का हर
ब्लॉक में गठन हुआ है तब से तमाम निजी स्कूलों पर एक तरह से गाज गिरी है।
और वे सभी अच्छे शिक्षक और बच्चों से महरूम होते जा रहें हैं।
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